Considerations To Know About hanuman chalisa
Considerations To Know About hanuman chalisa
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[RamDoota=Lord Ram messenger; atulita=measured; atilita=immeasurable; bala=electric power; dhama=abode; Anjani=of Anjana; putra=son; pavana=wind; suta=son; naama=name]
On the other hand, at the time Hanuman was flying higher than the seas to head to Lanka, a fall of his sweat fell inside the mouth of the crocodile, which inevitably became a little one. The monkey newborn was delivered via the crocodile, who was before long retrieved by Ahiravana, and lifted by him, named Makardhwaja, and built the guard of the gates of Patala, the former's kingdom.
व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।
अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरङ्गी ।
As part of your hands, shine a mace plus a flag of righteousness. A sacred thread adorns Your ideal shoulder.
Ultimately, Rama exposed his divine powers given that the incarnation with the God Vishnu, and slew Ravana and the rest of the demon army. Finally, Rama returned to his dwelling of Ayodhya to return to his position as king. After blessing all individuals who aided him in the struggle with gifts, Rama gave Hanuman his present, which Hanuman threw absent.
व्याख्या – संसार में रहकर मोक्ष (जन्म–मरण के बन्धन से मुक्ति) प्राप्त more info करना ही दुर्गम कार्य है, जो आपकी कृपा से सुलभ है।
भावार्थ – आपकी शरण में आये हुए भक्त को सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं। आप जिस के रक्षक हैं उसे किसी भी व्यक्ति या वस्तु का भय नहीं रहता है।
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द: भजन
भावार्थ – आपके परम मन्त्र (परामर्श) को विभीषण ने ग्रहण किया। इसके कारण वे लंका के राजा बन गये। इस बात को सारा संसार जानता है।
व्याख्या – उपमा के द्वारा किसी वस्तु का आंशिक ज्ञान हो सकता है, पूर्ण ज्ञान नहीं। कवि–कोविद उपमा का ही आश्रय लिया करते हैं।
भावार्थ – आपने अत्यन्त विशाल और भयानक रूप धारण करके राक्षसों का संहार किया और विविध प्रकार से भगवान् श्री रामचन्द्रजीं के कार्यों को पूरा किया।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
भावार्थ – तपस्वी राम सारे संसार के राजा हैं। [ऐसे सर्वसमर्थ] प्रभु के समस्त कार्यों को आपने ही पूरा किया।